हैलो फ्रेंड्स,
राहुल अपने पड़ोस कि आंटी रेवती को अपने घर पर ही चोदा, वो शाम को मॉम से मिलने आई लेकिन संयोगवश मॉम घर पर नहीं थी तो दोनों के बीच जिस्मानी सम्बन्ध फिर से बन गया साथ ही अगले दोपहर मुझे रेवती ने चुदाई का आमंत्रण दिया तो मैं अगले सुबह उठकर फ्रेश हुआ फिर स्नान ध्यान करके नाश्ता कर कॉलेज के लिए निकला लेकिन मुझे तो पड़ोस कि आंटी के घर ही जाना था और मैं बाईक से कॉलेज के लिए निकल गया तो एक डेढ़ घंटे घूम फिरकर वापस इधर ही जाना था तो मैं पंकी मार्केट चला गया और वहीं एक चाय दुकान पर बैठकर चाय पिया साथ ही वाईन शॉप की ओर देखने लगा, कुछ लोग वहां खड़े होकर बोतल खरीद रहे थे तो मैं भीड़ हटने का इंतजार करने लगा फिर वाईन शॉप पर जाकर एक क्वार्टर व्हिस्की खरीदा तो पनकी पावर प्लांट के पास का सुनसान जगह इस वक़्त दारू पीने के लिए सही था और मैं उधर निकल पड़ा साथ ही एक डिस्पोजेबल ग्लास, सिगरेट की पैकेट, कोल्ड ड्रिंक्स खरीद लिया तो वक़्त सुबह के १०:४५ बजे थे और मैं कुछ देर बाद एक सुनसान जगह पर बाईक रोककर पैक बनाने लगा तो उधर कुछ लोग आते जाते मेरी ओर देख रहे थे तो मैं पैक बनाने के बाद तेजी से व्हिस्की पीने लगा, तीन पैक पीने के बाद नशे में धूत होकर वहीं सड़क किनारे बैठकर सिगरेट पीने लगा तो मेरा ध्यान आंटी रेवती पर था, कुछ देर बाद उठा फिर बाईक स्टार्ट कर आंटी के घर चल पड़ा तो वक़्त ११:२५ हो रहे थे और उनके घर के सामने बाईक लगाकर घर के परिसर में घुसा फिर डोर बेल बजाने लगा तो रेवती दरवाजा खोल मुस्कुरा रही थी ” आओ तुम्हारा बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी
( मैं अंदर घुसा ) बैठो राहुल ” फिर वो दरवाजा बंद करके किचन कि ओर चली गई, वापस एक ग्लास पानी लेकर आई फिर मुझे देकर खड़ी रही तो रेवती को स्कर्ट और टॉप्स में देख उसको दबोचने का जी करने लगा फिर वो मेरे बगल में बैठी तो उसका हाथ मेरे चेहरा को सहलाने लगा और मैं रेवती को बाहों में लेकर गाल चूमने लगा तो वो मेरे गोद में बैठकर मेरे कंधे में बांहों का हार डाल दी। रेवती ४०-४१ साल की कामुक औरत है तो उसके चेहरे को चूमता हुआ पीठ सहलाने लगा और उसका भारी भरकम चूतड़ मेरे जांघ पर था तो दोनों का चेहरा आमने सामने था और वो मेरे ओंठ चूमने लगी तो राहुल अपना मुंह खोलकर उसके ओंठ को अंदर लेना चाहा लेकिन चुदासी आंटी अपने जीभ ही मेरे मुंह में घुसा दी तो उसके जीभ चूसता हुआ बाईं चूची का एहसास अपने छाती पर पाने लगा और दोनों एक दूसरे में समाने को तड़प रहे थे तो राहुल का हाथ उसके पीठ से नीचे अब चूतड़ की ओर जाने लगा और कुछ पल बाद रेवती अपनी जीभ मुंह से निकाल लीं तो मैं उसे सोफे पर बिठाकर उसके टॉप्स के अंदर हाथ घुसाए स्तन को पकड़ा फिर दबाने लगा तो रेवती मेरे टी शर्ट को उपर करते हुए निकालने लगी और कुछ देर में ही दोनों अर्ध नग्न रूप में थे तो रेवती मेरे सामने बैठकर अब चढ्ढी को उतार दी और मेरा ६-७ इंच लम्बा दो इंच मोटा लन्ड उनके हाथ में था फिर मैं दोनों पैर को सोफ़ा पर उठाए बैठा था तो मेरी चूतड सोफ़ा के किनारे थी, अब रेवती मेरे लंड को पकड़े धीरे धीरे हिलाने लगी साथ ही गान्ड की छेद में जीभ घुसाए चाटने लगी, सही में काम की मूर्त थी रेवती जोकि अपने बेटा के उम्र के जवान लड़का के साथ सेक्स का आनंद ले रही थी, मेरे लंड को हिलाते हुए गान्ड के छेद में जीभ घुसाए चाट चाटकर मस्त थी तो मेरे अंडकोष में रस की धार तेजी से भर रही थी और मैं अब आहें भरने लगा ” ओह उई मां गान्ड में इतनी खुजली, गान्ड चुदवाने का जी करने लगा
( रेवती गान्ड से जीभ निकालकर ) जरूर राहुल, तेरी गान्ड मैं अपनी चूची से चोदूंगी ” फिर वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी तो अब मेरा लंड टाईट हो चुका था और वो साली मेरे गान्ड में एक उंगली डालकर रगड़ने लगी तो गुदाज अंग के साथ काम क्रिया कोई आंटी से सीखे, अब मेरा लंड आंटी के मुंह में कड़ा होने लगा और मैं चिल्लाने लगा ” ओह आह डार्लिंग अब नहीं ” तो रेवती लंड को मुंह से निकाली फिर अपने जीभ से चाटते हुए मेरे गान्ड से उंगली निकाल बोली ” आज दिन भर का कार्यक्रम होगा समझे ” फिर वो उठकर वाशरूम चली गई तो उनके गोल गुंबदाकार चूतड़ उनकी पेंटी में खूबसूरत दिख रहे थे साथ ही गान्ड के दोनों भाग स्प्रिंग की तरह हिलते हुए आपस में टकराने लगे तो साली का नग्न बदन देख लंड फुंफकारने लगा फिर मैं भी वाशरूम घुसा तो रेवती बैठकर छर छर मूत रही थी फिर वो उठकर अपने चूत को शैंपू से साफ करने लगी तो मैं भी फ्रेश होकर बाहर आया, अब रेवती अपनी ब्रा और पैंटी निकाल नंगी हो चुकी थी तो मैं भी नंगा था फिर दोनों बेडरूम घुसे तो रेवती को बिस्तर पर लिटाकर उसके कमर के पास बैठा और उसके जांघों को फैलाकर चूत देखने लगा, आंटी की चूत से बार गायब थे तो वो आज सुबह ही हेयर रिमूवर लगाकर चूत को चिकना बनाई होगी और राहुल उनकी गान्ड के नीचे एक तकिया लगाया फिर बुर पर मुंह लगाकर चूमने लगा, उसके कमर को पकड़ उसके चूत पर चुम्बन देता हुआ मस्त था फिर बुर को फैलाकर चूत की गहराई तक को देखने लगा, गुलाबी भग्णाशा में थूका फिर जीभ से चाटते हुए पेट सहला रहा था और वो तुंरत ही सेक्सी आवाज निकालने लगी ” ओह उह उई मां इतनी खुजली बुर में हो रही है, चाट रे कुत्ते ओह आह ” तो उनकी ढीली चूत में जीभ घुसाए चाटने लगा और मेरा लंड अब चुदाई को आतुर था फिर उसकी बुर से जीभ निकालकर उसके दोनों फांकों को मुंह में लिए चूसने लगा तो वो सिसकते हुए चूतड़ को हवा में उठाने लगी फिर मैं उनकी चूत को छोड़कर बगल में लेट गया to be continued.
राहुल अपने पड़ोस कि आंटी रेवती को अपने घर पर ही चोदा, वो शाम को मॉम से मिलने आई लेकिन संयोगवश मॉम घर पर नहीं थी तो दोनों के बीच जिस्मानी सम्बन्ध फिर से बन गया साथ ही अगले दोपहर मुझे रेवती ने चुदाई का आमंत्रण दिया तो मैं अगले सुबह उठकर फ्रेश हुआ फिर स्नान ध्यान करके नाश्ता कर कॉलेज के लिए निकला लेकिन मुझे तो पड़ोस कि आंटी के घर ही जाना था और मैं बाईक से कॉलेज के लिए निकल गया तो एक डेढ़ घंटे घूम फिरकर वापस इधर ही जाना था तो मैं पंकी मार्केट चला गया और वहीं एक चाय दुकान पर बैठकर चाय पिया साथ ही वाईन शॉप की ओर देखने लगा, कुछ लोग वहां खड़े होकर बोतल खरीद रहे थे तो मैं भीड़ हटने का इंतजार करने लगा फिर वाईन शॉप पर जाकर एक क्वार्टर व्हिस्की खरीदा तो पनकी पावर प्लांट के पास का सुनसान जगह इस वक़्त दारू पीने के लिए सही था और मैं उधर निकल पड़ा साथ ही एक डिस्पोजेबल ग्लास, सिगरेट की पैकेट, कोल्ड ड्रिंक्स खरीद लिया तो वक़्त सुबह के १०:४५ बजे थे और मैं कुछ देर बाद एक सुनसान जगह पर बाईक रोककर पैक बनाने लगा तो उधर कुछ लोग आते जाते मेरी ओर देख रहे थे तो मैं पैक बनाने के बाद तेजी से व्हिस्की पीने लगा, तीन पैक पीने के बाद नशे में धूत होकर वहीं सड़क किनारे बैठकर सिगरेट पीने लगा तो मेरा ध्यान आंटी रेवती पर था, कुछ देर बाद उठा फिर बाईक स्टार्ट कर आंटी के घर चल पड़ा तो वक़्त ११:२५ हो रहे थे और उनके घर के सामने बाईक लगाकर घर के परिसर में घुसा फिर डोर बेल बजाने लगा तो रेवती दरवाजा खोल मुस्कुरा रही थी ” आओ तुम्हारा बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी
( मैं अंदर घुसा ) बैठो राहुल ” फिर वो दरवाजा बंद करके किचन कि ओर चली गई, वापस एक ग्लास पानी लेकर आई फिर मुझे देकर खड़ी रही तो रेवती को स्कर्ट और टॉप्स में देख उसको दबोचने का जी करने लगा फिर वो मेरे बगल में बैठी तो उसका हाथ मेरे चेहरा को सहलाने लगा और मैं रेवती को बाहों में लेकर गाल चूमने लगा तो वो मेरे गोद में बैठकर मेरे कंधे में बांहों का हार डाल दी। रेवती ४०-४१ साल की कामुक औरत है तो उसके चेहरे को चूमता हुआ पीठ सहलाने लगा और उसका भारी भरकम चूतड़ मेरे जांघ पर था तो दोनों का चेहरा आमने सामने था और वो मेरे ओंठ चूमने लगी तो राहुल अपना मुंह खोलकर उसके ओंठ को अंदर लेना चाहा लेकिन चुदासी आंटी अपने जीभ ही मेरे मुंह में घुसा दी तो उसके जीभ चूसता हुआ बाईं चूची का एहसास अपने छाती पर पाने लगा और दोनों एक दूसरे में समाने को तड़प रहे थे तो राहुल का हाथ उसके पीठ से नीचे अब चूतड़ की ओर जाने लगा और कुछ पल बाद रेवती अपनी जीभ मुंह से निकाल लीं तो मैं उसे सोफे पर बिठाकर उसके टॉप्स के अंदर हाथ घुसाए स्तन को पकड़ा फिर दबाने लगा तो रेवती मेरे टी शर्ट को उपर करते हुए निकालने लगी और कुछ देर में ही दोनों अर्ध नग्न रूप में थे तो रेवती मेरे सामने बैठकर अब चढ्ढी को उतार दी और मेरा ६-७ इंच लम्बा दो इंच मोटा लन्ड उनके हाथ में था फिर मैं दोनों पैर को सोफ़ा पर उठाए बैठा था तो मेरी चूतड सोफ़ा के किनारे थी, अब रेवती मेरे लंड को पकड़े धीरे धीरे हिलाने लगी साथ ही गान्ड की छेद में जीभ घुसाए चाटने लगी, सही में काम की मूर्त थी रेवती जोकि अपने बेटा के उम्र के जवान लड़का के साथ सेक्स का आनंद ले रही थी, मेरे लंड को हिलाते हुए गान्ड के छेद में जीभ घुसाए चाट चाटकर मस्त थी तो मेरे अंडकोष में रस की धार तेजी से भर रही थी और मैं अब आहें भरने लगा ” ओह उई मां गान्ड में इतनी खुजली, गान्ड चुदवाने का जी करने लगा
( रेवती गान्ड से जीभ निकालकर ) जरूर राहुल, तेरी गान्ड मैं अपनी चूची से चोदूंगी ” फिर वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी तो अब मेरा लंड टाईट हो चुका था और वो साली मेरे गान्ड में एक उंगली डालकर रगड़ने लगी तो गुदाज अंग के साथ काम क्रिया कोई आंटी से सीखे, अब मेरा लंड आंटी के मुंह में कड़ा होने लगा और मैं चिल्लाने लगा ” ओह आह डार्लिंग अब नहीं ” तो रेवती लंड को मुंह से निकाली फिर अपने जीभ से चाटते हुए मेरे गान्ड से उंगली निकाल बोली ” आज दिन भर का कार्यक्रम होगा समझे ” फिर वो उठकर वाशरूम चली गई तो उनके गोल गुंबदाकार चूतड़ उनकी पेंटी में खूबसूरत दिख रहे थे साथ ही गान्ड के दोनों भाग स्प्रिंग की तरह हिलते हुए आपस में टकराने लगे तो साली का नग्न बदन देख लंड फुंफकारने लगा फिर मैं भी वाशरूम घुसा तो रेवती बैठकर छर छर मूत रही थी फिर वो उठकर अपने चूत को शैंपू से साफ करने लगी तो मैं भी फ्रेश होकर बाहर आया, अब रेवती अपनी ब्रा और पैंटी निकाल नंगी हो चुकी थी तो मैं भी नंगा था फिर दोनों बेडरूम घुसे तो रेवती को बिस्तर पर लिटाकर उसके कमर के पास बैठा और उसके जांघों को फैलाकर चूत देखने लगा, आंटी की चूत से बार गायब थे तो वो आज सुबह ही हेयर रिमूवर लगाकर चूत को चिकना बनाई होगी और राहुल उनकी गान्ड के नीचे एक तकिया लगाया फिर बुर पर मुंह लगाकर चूमने लगा, उसके कमर को पकड़ उसके चूत पर चुम्बन देता हुआ मस्त था फिर बुर को फैलाकर चूत की गहराई तक को देखने लगा, गुलाबी भग्णाशा में थूका फिर जीभ से चाटते हुए पेट सहला रहा था और वो तुंरत ही सेक्सी आवाज निकालने लगी ” ओह उह उई मां इतनी खुजली बुर में हो रही है, चाट रे कुत्ते ओह आह ” तो उनकी ढीली चूत में जीभ घुसाए चाटने लगा और मेरा लंड अब चुदाई को आतुर था फिर उसकी बुर से जीभ निकालकर उसके दोनों फांकों को मुंह में लिए चूसने लगा तो वो सिसकते हुए चूतड़ को हवा में उठाने लगी फिर मैं उनकी चूत को छोड़कर बगल में लेट गया to be continued.